चौहद्दी मा उड़ा जब लहगा॥
लौडे शोर मचाय देहेन ॥
भरी जवानी रस टपके ला॥
बुढाऊ लार टपके देहेन॥
जुनी की जायी सिटी बाजे॥
और हिलावय हाथ॥
केहू केहू तो करय इशारा॥
कब होए मुला कात...
स्वागत म हमरे महफ़िल सज गय॥
रास्ता भर फूल बिछाय देहेन...
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