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गुरुवार, 17 नवंबर 2011

बूढी माँ..






क्यों भेजा सन्देश प्रदेश जाने के बाद॥




मुझे पता है तू करता होगा मुझको याद॥




न तो सही से खाता होगा ॥




न सही से सोता होगा॥




मुझे पता लाल मेरे ॥




मुझे याद कर रोता होगा॥




अपने दिल को संतोष दिलाती॥




सोच रही तेरा दीप जले॥




तेरा जीवन सुख सुन्दर हो॥




तेरी मंजिल तुझे मिले॥




जब तेरे आँगन में लाल मेरे॥




खुशिया मंगल गाये गी॥




तभी तेरी बूढी माँ तुझे देख मुस्काएगी॥




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