सज-धज करके राजकुमारी॥
राजकोट से आयी रे॥
सपने में मुझे जगायी रे॥
रूप देख कर अजरज माना॥
हंसते हुआ अचम्भा॥
चंचल मनवा लालच कर गया।
मेरा भसक गया खम्भा..
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