पृष्ठ

शुक्रवार, 18 नवंबर 2011

समय सावन का हो॥






सुन्दर समय सुहाना हो॥




सुगन्धित बहे बयार॥




सुन्दर रानी भी साथ हो॥




बाह पकडे हो यार॥




समय सावन का हो॥




सुन्दर उस मुस्कान में॥




चुम्बन का संकेत॥




सुन्दर नैना बोल रहे हो॥




अब काहे का भेद॥




समय सावन का हो॥।




सुन्दर घटा निहार रही हो॥




रिम झिम बरषे मेघ॥




सुन्दर पल में खो गए है॥




नाही बचा बिशेष॥




समय सावन का हो॥




सुन्दर बाते क्षिण गयी॥




जल गया मदधिम दीप॥




सुन्दर प्यारी के लिए॥




खुल गए सारे सीप ॥




समय सावन का हो॥




सुन्दर सुखद सुंदरी संग ॥




बीत गयी जब रैन॥




सुन्दर अपनी जीवनी॥




लिख के लिया था चैन॥




समय सावन का हो॥



















कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें