सौतन का सन्देश पढ़ कर ॥
क्या हो जाओगी नाराज़॥
नहीं आओगी मेरे पास...
मैसेज आया है दिल्ली से ॥
फ़ौरन मुझे बुलाया है...
न जाऊ तो गड़बड़ होगा॥
ऐसा फरमान सुनाया है॥
बात नहीं मै काट सकता ॥
न कर सकता एतराज॥
वाही पे मुझको बाँध के॥
दस दस घंटे पास॥
जम के मेहनत करवाती है॥
बहुत मै करता काम...
मेहनताना तो दे देती है...
रोक लेती है व्याज...
मेरी चाकरी सौत तुम्हारी॥
मत करना उपहास॥
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