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बुधवार, 30 नवंबर 2011

रात यही सोने दे..

जब तूने बढाया हाथ

मैंने दिया जबाब

रात यही सोने दे

ख्वाबो में खोने दे

.तूने दिया था फूल॥

मैंने किया था क़ुबूल

अब कुछ होने दे

रात यही सोने दे

.जब किया तकरार

तुम चले गए बाज़ार...

बात पूरी होने दे

रात यही सोने दे

.मै लाया सुन्दर हार...

तूने समझ के रखा उपहार...

बीज अब बोने दे

रात यही सोने दे..

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