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रविवार, 27 नवंबर 2011

पूरी बोतल पी गया मै...

मै सारी बोतल पी गया

अपने प्रिया की याद में

सुरूर मुझको छाने लगा

खूब सूरत रात में

जुदायी मुझे बर्दाश्त नहीं

तन्हायी जीने देती

हर पल उसकी याद आती

यादे सोने देती

अब लड़खड़ाने लग गया हूँ

जाम लेके हाथ में

हवाओ ने रुख अदल दिया.है

आती नहीं है पास में

दिल धड़कने लग गया है

पड़ गया हूँ खाट पे

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