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शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

परदेश आके खुश नहीं हूँ
मुशिकल हो गया जीना
कल सबेरे जेब कट गयी
हंसती रही हसीना
हंसती रही हसीना
मरती मस्ती बाजी
शर्म हया सब खो चुकी है
कहती आओ मिया जी
अडबड गड़बड़ हो जाएगा
तो होजायेगा एक्सीडेंट
चुपचाप बैठा रहता हूँ
तो देती आके करेंट
अबली डबली बबब्ली भी है
हरकत करती हीना...
कहती काबा देखोगे
की दिखाऊ तुम्हे मदीना
उसकी बाते सुन सुन करके
आत़ा मुझे पसीना

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