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रविवार, 27 नवंबर 2011

लफडा..

मासूम का दिल मैंने तोड़ा

खरीद सका महगा कपडा

वह अड़ारहा अपनी जिद पर

बीबी करती मुझसे झगडा

बात बढ़ी वह चुप हुआ

गुस्से में मारा तगड़ा thapda

मै कोस रहा था जिनगी को

तक़दीर को गाली देता था

रुपयों को खातिर होता है

सुबह शाम हरदम लफडा

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