महुआ कय लपसी चटा करा राजा॥
देहिया फूल के लोढ़ा होय जाए॥
तब मैदान पय छक्का मरबेया॥
तोहके केहू आउट न कर पाए...
जब सेजरिया पे अउबा राजा॥
हमहू का अज्मौबा राजा॥
तब तो पसीना तोर छूट जाए॥
महुआ कय॥
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें