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मंगलवार, 6 जुलाई 2010

भरी जवानी मचलय देहिया॥

भरी जवानी मचलय देहिया॥

राजैया मा राजा राज आय जातेया॥

दूध जलेबी से भरी पूरी हूँ॥

धीरे धीरे राजा संग संग खातेया...

अंखिया से करली तोहके इशारा॥

पीछे के जाय खोल देबय किवाड़ा॥

कच्ची कच्ची कलियाँ का ॥

धीरे धीरे दबातेया॥

होठवा से होठवा पे लाग जैहे लाली॥

छूटे लागे गोला होए दिवाली॥

आज रात आय धुदम धाय मचातेया॥

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