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बुधवार, 28 जुलाई 2010

भौजी कय करिहाव लचक गय...

भौजी कय करिहाव लचक गय...

माई गिरी पिछवारे ॥

गोलारे दौड़ आवा॥

भैस आयी बा दुआरे..

गोलारे दौड़ आवा॥

ऊ अपने टेधकी सिंघिया से॥

भौजी का देरवईश ॥

कूद गयी खाले मा भौजी॥

कुकुरिया पोव पोव चिल्लाईस॥

लाठी लय के माई खादेरय भैसिया॥

गोलारे दौड़ आवा॥
भैस आयी बा दुआरे॥

झट से लठ माई मारी लाठी गय टूट॥

हौकिस भैस मुह से माई feki पसेरिन थूक॥

फेकिस भैस गिरी पिछवारे हाय हाय चिल्लाय॥

भैस पदरौकी गय बगिया मा हिया नहीं देखे॥

मन जब चेताय गा माई धोती सुधारय॥

गोलारे दौड़ आवा॥
भैस आयी बा दुआरे..

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