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रविवार, 18 जुलाई 2010

मै महा दरिद्र की बिटिया हूँ..


मै महा दरिद्र की बिटिया हूँ...

जो सच्ची बात बताती हूँ॥

तुमतो सरकारी अफसर हो॥

तुमसे नहीं सुहाती हूँ॥


हमें न आवे हेल्लो हाय ॥

हाउ आर न जानू॥

जो संस्कारों की डूरी पहनी॥

उसी को सब कुछ मानू॥

मै चुल्हा चौका करने वाली॥

कहने में थोड़ा लजाती हूँ॥

मै महा दरिद्र की बिटिया हूँ...
जो सच्ची बात बताती हूँ॥


काली कलूटी अनपढ़ हूँ॥

तुम सीप के निकले मोती हो॥

तेरे संग चलने में मुझको॥

हवा कहे तुम छोटी हो...

मै कथरी पर सोने वाली॥

डनलप सुन पछताती हूँ॥

ईजा पीजा बिरयानी ॥

मै महा दरिद्र की बिटिया हूँ...
जो सच्ची बात बताती हूँ॥


हमें बनाने नहीं आती॥

मेरी परछाई ही से॥

दूध कीछे काळी पद जाती॥

समय बहुत सुन्दर होता॥

दशा देख रूक जाती हूँ॥

मै महा दरिद्र की बिटिया हूँ...
जो सच्ची बात बताती हूँ॥

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