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गुरुवार, 8 जुलाई 2010

१२ दिन का बच्चा चल कर.. भगवन को अचरज आया..था..

जब आकाल पडा था पृथ्वी पर॥

महाकाल बौराया था॥

१२ दिन का बच्चा चल करके॥

त्राहि त्राहि चिल्लाया था॥

महाकाल जब देखा बच्चे को॥

मन में शोक जताया था॥

कौन तेरे माँ बाप वत्स है॥

तुमको किसने उसकाया था॥

हाथ जोड़ कर बाला बोला॥

मै पुण्य पुरुष कहलाता हूँ॥

घायल मेरे माँ बाप pअड़े है॥

मै संजीवनी उन्हें पिलाता हूँ॥

समय का चक्र गलत चला है॥

मै भी उससे टकराता हूँ॥

हठ मत कर वहा जाने की...

उस बाग़ की रक्षा करता हूँ॥

बिना इशारा कोई नहीं जाता॥

मै भी उससे लड़ता हूँ॥

बालक अपने मन मंदिर में॥

सेवा की तिलक लगाता था॥

१२ दिन का बच्चा चल करके॥
त्राहि त्राहि चिल्लाया था॥

बालक की हठ पर झुका महाकाल॥

सीने से उसे लगाया था॥

अपने कंधे पर बैठा कर॥

चारो धाम घुमाया था॥

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