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मंगलवार, 20 जुलाई 2010

पियारे कय बिटिया..



घर मा खटिया बिछावा लुटावा न इज्जतिया॥


गन्धाय जाबू पियारे कय बिटिया ........................


तोहरे अंखिया कय कजरा बिरावे॥


हंस हंस तोहरा होठवा बोलावय॥


जाने गउवा के तोहरी अदातिया॥


घर मा खटिया बिछावा लुटावा न इज्जतिया॥
गन्धाय जाबू पियारे कय बिटिया ........................


नाजुक कलियाँ तोहरी खिली है॥


चुनरिया मैली कैसे भइल है॥


बिना मतलब नइखे बोलावा बिपतिया॥


घर मा खटिया बिछावा लुटावा न इज्जतिया॥
गन्धाय जाबू पियारे कय बिटिया ........................


सीधा स्वाभाव तोहरा भइल चतकोर॥


छुप छुप बात करा चर्चा चारिव और॥


दाग न लगावा कितनी सुन्दर सुरतिया॥


घर मा खटिया बिछावा लुटावा न इज्जतिया॥
गन्धाय जाबू पियारे कय बिटिया ........................

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