फुसुर फुसु रतिया मा॥
ससुरा जब बोलय॥
कौन के कहा बा ॥
अँधेरे मा टटोले॥
लागल सवनवा घर मा अकेली॥
नइखे कुछ पता बा नयी नवेली॥
देख के अकेले बुरी नज़र फेरय॥
फुसुर फुसु रतिया मा॥
ससुरा जब बोलय॥
कौन के कहा बा ॥
अँधेरे मा टटोले॥
अपने सजनवा से करवे शिकायत॥
हिया नहीं रहवे चलवे बिलायत॥
सुबह शाम देहरी बार बार छेड़े॥
फुसुर फुसु रतिया मा॥
ससुरा जब बोलय॥
कौन के कहा बा ॥
अँधेरे मा टटोले॥
बुत बर्दास्त करे बहुत समझाए॥
मानय न बुढ़वा बिना लटकाए॥
होय के उघार घुमय॥ प्रेम छोडे॥
फुसुर फुसु रतिया मा॥
ससुरा जब बोलय॥
कौन के कहा बा ॥
अँधेरे मा टटोले॥
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