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बुधवार, 7 जुलाई 2010

ममता और क़ानून ..

आज दैनिक जागरण में छपी एक खबर की १४ साल बाद जुडवा बहाने मिली॥ कहानी कुछ अजीब थी इस लिए के माँ को ममता को एक लड़की कैसी कहती क्यों की जम से लेके १४ साल तक उस माँ के पास रहती है जो उसको पाला॥ उसके बाद कानूनी लड़ाई में वह अपने सगी सम्बंधिया के पास मतलब माँ बाप के पास आ जाती है॥



वही तो अच्छी माँ है मेरी॥
जी माँ ने मुझको पाला है॥
थपकी दे दे हमें सुलाती॥
पुचकारो से दुलारा है॥
जब मै मांगू हीरा मोती॥
ला के मुझको देती थी॥
मुझको पलको पे बिठाती॥
मेरी बलैया लेती थी॥
वही मेरी पुजनिये माँ॥
कभी नहीं दुत्कारा है॥
एक बार मै हाथ कर बैठी॥
अमृत सर को जाने को॥
कुछ कपडे गहने लेना था ॥
अपनी शौक मिटाने को॥
अभी उम्र नाजुक है बच्ची ॥
फिर भी मुझको पुचकारा है॥
इस कानूनी लड़ाई में तो॥
सच की हुयी विजय॥
पर उस माँ को नहीं भूलूगी॥
मात रहेगी अजेय॥
आज सगी माँ के घर में हूँ॥
तेरी ममता को बखाना है॥
अब सतायेगे माँ घर के हर कोने कोने॥
याद तुम्हारी जब आती है मै लगती हूँ रोने॥
मगर माँ चिंता तुम मत करना ॥
मै तेरी गोद में आऊगी॥
अपनी सगी माँ की ममता को॥
माते तुम्हे बताऊगी॥
ये माँ मुझको प्यारी है ...
पर तुम तो मुझे सुधारा है॥
शम्भू नाथ
९८७१०८९०२७

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